“सुकून मिलता है मुझे बहुत, तेरे पास होने से, तो क्यों ना एक समझौता कर ले? तुम आस बन कर आओ मेरी ममतामयी भक्ति की और मैं आस्था बन जाऊँ तेरे वजूद की शक्ति की.” Upcoming Events Upcoming Events About Us